Sanhita.ai
हिंदी
होम
बीएनएस
अध्याय 14 मिथ्या...
भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 14: मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के विषय में
धारा 227
मिथ्या साक्ष्य देना ।
देखें
धारा 228
मिथ्या साक्ष्य गढ़ना ।
देखें
धारा 229
मिथ्या साक्ष्य के लिए दंड ।
देखें
धारा 230
मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि कराने के आशय से मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना ।
देखें
धारा 231
आजीवन कारावास या कारावास से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि कराने के आशय से मिथ्या साक्ष्य देना या गढ़ना ।
देखें
धारा 232
किसी व्यक्ति को मिथ्या साक्ष्य देने के लिए धमकाना या उत्प्रेरित करना ।
देखें
धारा 233
उस साक्ष्य को काम में लाना, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है ।
देखें
धारा 234
मिथ्या प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना ।
देखें
धारा 235
प्रमाणपत्र को, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है, सत्य के रूप में काम में लाना ।
देखें
धारा 236
ऐसी घोषणा में, जो साक्ष्य के रूप में विधि द्वारा ली जा सके, किया गया मिथ्या कथन ।
देखें
धारा 237
ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए, सच्ची के रूप में काम में लाना ।
देखें
धारा 238
अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए मिथ्या इत्तिला देना ।
देखें
धारा 239
इत्तिला देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का जानबूझकर लोप ।
देखें
धारा 240
किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तला देना ।
देखें
धारा 241
साक्ष्य के रूप में किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख का पेश किया जाना निवारित करने के लिए उसको नष्ट करना ।
देखें
धारा 242
वाद या अभियोजन में किसी कार्य या कार्यवाही के प्रयोजन से मिथ्या प्रतिरूपण ।
देखें
धारा 243
संपत्ति को समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना ।
देखें
धारा 244
संपत्ति पर उसके समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए कपटपूर्वक दावा ।
देखें
धारा 245
ऐसी राशि के लिए जो शोध्य न हो कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना ।
देखें
धारा 246
बेईमानी से न्यायालय में मिथ्या दावा करना ।
देखें
धारा 247
ऐसी राशि के लिए जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री अभिप्राप्त करना ।
देखें
धारा 248
क्षति करने के आशय से अपराध का मिथ्या आरोप ।
देखें
धारा 249
अपराधी को संश्रय देना ।
देखें
धारा 250
अपराधी को दंड से प्रतिच्छादित करने के लिए उपहार आदि लेना ।
देखें
धारा 251
अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरूप उपहार की प्रस्थापना या संपत्ति का प्रत्यावर्तन ।
देखें
धारा 252
चोरी की संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना ।
देखें
धारा 253
ऐसे अपराधी को संश्रय देना, जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकड़ने का आदेश दिया जा चुका है।
देखें
धारा 254
लुटेरो या डाकुओ को संश्रय देने के लिए शास्ति ।
देखें
धारा 255
लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति के समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा ।
देखें
धारा 256
किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या लेख की रचना ।
देखें
धारा 257
न्यायिक कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का लोक सेवक द्वारा अष्टतापूर्वक किया जाना ।
देखें
धारा 258
प्राधिकार वाले व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए या परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी ।
देखें
धारा 259
पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का जानबूझकर लोप ।
देखें
धारा 260
दंडादेश के अधीन या विधिपूर्वक सुपुर्द किए गए व्यक्ति को पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का जानबूझकर लोप ।
देखें
धारा 261
लोक सेवक द्वारा उपेक्षा से परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना ।
देखें
धारा 262
किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने मेँ प्रतिरोध या बाधा ।
देखें
धारा 263
किसी अन्य व्यक्ति के विधि के अनुसार पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा ।
देखें
धारा 264
उन दशाओं में, जिनके लिए अन्यथा उपबंध नहीं है, लोक सेवक द्वारा पकड़ने का लोप या निकल भागना सहन करना ।
देखें
धारा 265
अन्यथा अनुपबंधित दशाओँ में विधिपूर्वक पकड़ने मैं प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या छुड़ाना ।
देखें
धारा 266
दंड के परिहार की शर्त का अतिक्रमण ।
देखें
धारा 267
न्यायिक कार्यवाही में बैठे हुए लोक सेवक का जानबूझकर अपमान या उसके कार्य में विघ्न ।
देखें
धारा 268
असेसर का प्रतिरूपण ।
देखें
धारा 269
जमानतपत्र या बंधपत्र पर छोड़े गए व्यक्ति द्वारा न्यायालय में हाजिर होने में असफलता ।
देखें
Download on Play Store