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बीएनएस
अध्याय 18 दस्तावेजों...
भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 18: दस्तावेजों और संपत्ति चिहनों संबंधी अपराधों के विषय में
धारा 335
मिथ्या दस्तावेज रचना ।
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धारा 336
कूटरचना ।
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धारा 337
न्यायालय के अभिलेख की या लोक रजिस्टर आदि की कूटरचना ।
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धारा 338
मूल्यवान प्रतिभूति, विल, इत्यादि की कूटरचना ।
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धारा 339
धारा 337 या धारा 338 में वर्णित दस्तावेज को, उसे कूटरचित जानते हुए और उसे असली के रूप मैं उपयोग मैं लाने का आशय रखते हुए, कब्जे में रखना ।
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धारा 340
कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख और इसे असली के रूप में उपयोग में लाना ।
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धारा 341
धारा 338 के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना ।
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धारा 342
धारा 338 में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिह्न की कूटकृति बनाना या कूटकृत चिहनयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना ।
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धारा 343
विल, दत्तकग्रहण प्राधिकार-पत्र या मूल्यवान प्रतिभूति को कपटपूर्वक रद्द, नष्ट, आदि करना ।
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धारा 344
लेखा का मिथ्याकरण ।
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धारा 345
संपत्ति-चिह्नों के विषय में - 345. सम्पत्ति-चिह्न ।
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धारा 346
क्षति कारित करने के आशय से सम्पत्ति-चिह्न को बिगाड़ना ।
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धारा 347
सम्पत्ति-चिह्न का कूटकरण ।
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धारा 348
सम्पत्ति-चिह्न के कूटकरण के लिए कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्जा ।
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धारा 349
कूटकृत सम्पत्ति-चिह्न से चिह्नित मात्र का विक्रय ।
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धारा 350
किसी ऐसे पात्र के ऊपर मिथ्या चिह्न बनाना जिसमें माल रखा है ।
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