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बीएनएसएस
अध्याय 35 जमानत...
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 35: जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध
धारा 478
किन मामलों में जमानत ली जाएगी
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धारा 479
अधिकतम अवधि, जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध किया जा सकता है।
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धारा 480
अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली जा सकेगी
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धारा 481
अभियुक्त को अगले अपील न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने की अपेक्षा के लिए जमानत
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धारा 482
गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश
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धारा 483
जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की विशेष शक्तियां
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धारा 484
बंधपत्र की रकम और उसे घटाना
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धारा 485
अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र|
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धारा 486
प्रतिभुओं द्वारा घोषणा
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धारा 487
अभिरक्षा से उन्मोचन
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धारा 488
जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति
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धारा 489
प्रतिभुओं का उन्मोचनI
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धारा 490
मुचलके के बजाय निक्षेप
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धारा 491
प्रक्रिया, जब बंधपत्र जब्त कर लिया जाता है।
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धारा 492
बंधपत्र और जमानतपत्र का रद्दकरण
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धारा 493
प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बंधपत्र की जब्ती हो जाने की दशा में प्रक्रियाI
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धारा 494
शिशु से अपेक्षित बंधपत्र
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धारा 495
धारा 491 के अधीन आदेशों से अपीलI
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धारा 496
कतिपय मुचलकों पर देय रकम का उद्ग्रहण करने का निदेश देने की शक्तिI
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