भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 13: पुलिस को सूचना और उनकी अन्वेषण करने की शक्तियां
धारा: 193
(1) इस अध्याय के अधीन किया जाने वाला प्रत्येक अन्वेषण अनावश्यक विलंब के बिना पूरा किया जाएगा।
(2) भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 70 या धारा 77 या लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 4, धारा 6, धारा 8 या धारा 10 के अधीन किसी अपराध के संबंध में अन्वेषण उस तारीख से, जिसको पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा सूचना अभिलिखित की गई थी, दो मास के भीतर पूरा किया जा सकेगा।
(3) (i) जैसे ही जांच पूरी होती है, वैसे ही पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी, पुलिस रिपोर्ट पर उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त मजिस्ट्रेट को, राज्य सरकार द्वारा विहित प्ररूप में, जिसमें इलैक्ट्रानिक संसूचना का माध्यम भी है, एक रिपोर्ट भेजेगा, जिसमें निम्नलिखित बातें कथित होंगी:
(क) पक्षकारों के नाम;
(ख) सूचना का स्वरूप;
(ग) मामले की परिस्थितियों से परिचित प्रतीत होने वाले व्यक्तियों के नाम;
(घ) क्या कोई अपराध किया गया प्रतीत होता है और यदि किया गया प्रतीत होता है, तो किसके द्वारा;
(ङ) क्या अभियुक्त गिरफ्तार कर लिया गया है;
(च) क्या अभियुक्त अपने बंधपत्र या जमानतपत्र पर छोड़ दिया गया है;
(छ) क्या अभियुक्त धारा 190 के अधीन अभिरक्षा में भेजा जा चुका है;
(ज) जहां अन्वेषण भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 70 या धारा 71 के अधीन किसी अपराध के संबंध में है, वहां क्या महिला की चिकित्सा परीक्षा की रिपोर्ट संलग्न की गई है;
(झ) इलैक्ट्रानिक युक
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