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भारतीय न्याय संहिता

(बीएनएस)

मिथ्या दस्तावेज रचना ।

अध्याय 18: दस्तावेजों और संपत्ति चिहनों संबंधी अपराधों के विषय में

धारा: 335


335. उस व्यक्ति के बारे में यह कहा जाता है कि वह व्यक्ति मिथ्या दस्तावेज या मिथ्या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख रचता है,--

(अ) जो बेईमानी से या कपटपूर्वक इस आशय सै-- (i) किसी दस्तावेज को या दस्तावेज के भाग को रचित, हस्ताक्षरित, मुद्रांकित या निष्पादित करता है ; (ii) किसी इलैक्ट्रानिक अभिलेख को या किसी इलैक्ट्रानिक अभिलेख के भाग को रचित या पारेषित करता है ; (iii) किसी इलैक्ट्रानिक अभिलेख पर कोई इलैक्ट्रानिक चिहनक लगाता है ; (iv) किसी दस्तावेज के निष्पादन का या ऐसे व्यक्ति या इलैक्ट्रानिक चिहनक की अधिप्रमाणिकता का द्योतन करने वाला कोई चिहन लगाता है, कि यह विश्वास किया जाए कि ऐसा दस्तावेज या दस्तावेज के भाग, इलैक्ट्रानिक अभिलेख या इलैक्ट्रानिक हस्ताक्षर की रचना, हस्ताक्षरण, मुद्रांकन, निष्पादन, पारेषण या लगाना ऐसे व्यक्ति द्वारा या ऐसे व्यक्ति के प्राधिकार द्वारा किया गया था, जिसके द्वारा या जिसके प्राधिकार द्वारा उसकी रचना, हस्ताक्षरण, मुद्रांकन या निष्पादन, लगाए जाने या पारेषित न होने की बात वह जानता है ; या

(आ) जो किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के किसी तात्विक भाग में परिवर्तन, उसके द्वारा या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति द्वारा, चाहे ऐसा व्यक्ति, ऐसे परिवर्तन के समय जीवित हो या नहीं, उस दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख के रचित या निष्पादित किए जाने या इलैक्ट्रानिक चिह्न लगाए जाने के पश्चात्‌, उसे रद॒द करके या अन्यथा, विधिपूर्वक प्राधिकार के बिना, बेईमानी से या कपटपूर्वक करता है; या

(इ) जो किसी व्यक्ति द्वारा, यह जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की विषय-वस्तु को या परिवर्तन के रूप को, चित्त-विकृति या मत्तता की हालत होने के कारण जान नहीं सकता था या उस प्रवंचना के कारण, जो उससे की गई है, जानता नहीं है, उस दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को बेईमानी से या कपटपूर्वक हस्ताक्षरित, मुद्रांकित, निष्पादित या परिवर्तित किया जाना या किसी इलैक्ट्रानिक अभिलेख पर अपने इलैक्ट्रानिक चिहनक लगाया जाना कारित करता है ।

दृष्टांत

(क) क के पास य द्वारा ख पर लिखा हुआ 10,000 रुपए का एक प्रत्यय पत्र है । ख से कपट करने कै लिए क 10,000 में एक शून्य बढ़ा देता है और उस राशि को 1,00,000 रुपए इस आशय से बना देता है कि ख यह विश्वास कर ले कि य ने वह पत्र ऐसा ही लिखा था । क ने कूटरचना की है ।

(ख) क इस आशय से कि वह य की सम्पदा ख़ को बेच दे और उसके द्वारा ख से क्रय धन अभिप्राप्त कर ले, य के प्राधिकार के बिना य की मुद्रा एक ऐसी दस्तावेज पर लगाता है, जो कि य की ओर से क की सम्पदा का हस्तान्तर-पत्र होना तात्पर्यित है । क ने कूटरचना की है ।

(ग) एक बैंकर पर लिखे हुए और वाहक को देय चेक को क उठा लेता है । चेक ख द्वारा हस्ताक्षरित है, किन्तु उस चेक में कोई राशि अंकित

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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