भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 17: सम्पत्ति के विरुद्ध अपराधों के विषय में
धारा: 303
303. (1) जो कोई किसी व्यक्ति के कब्जे में से, उस व्यक्ति की सम्मति के बिना कोई जंगम सम्पत्ति बेईमानी से ले लेने का आशय रखते हुए वह सम्पत्ति ऐसे लेने के लिए हटाता है, वह चोरी करता है, यह कहा जाता है ।
स्पष्टीकरण 1--जब तक कोई वस्तु भूबद्ध रहती है, चल सम्पत्ति न होने से चोरी का विषय नहीं होती ; किन्तु ज्यों ही वह भूमि से पृथक की जाती है वह चोरी का विषय होने योग्य हो जाती है ।
स्पष्टीकरण 2--हटाना, जो उसी कार्य द्वारा किया गया है जिससे पृथक्करण किया गया है, चोरी हो सकेगा ।
स्पष्टीकरण 3--कोई व्यक्ति किसी चीज का हटाना कारित करता है, यह कहा जाता है जब वह उस बाधा को हटाता है जो उस चीज को हटाने से रोके हुए हो या जब वह उस चीज को किसी दूसरी चीज से पृथक् करता है तथा जब वह वास्तव में उसे हटाता है
स्पष्टीकरण 4--वह व्यक्ति जो किसी साधन द्वारा किसी जीव-जन्तु का हटाना कारित करता है, उस जीव-जन्तु को हटाता है, यह कहा जाता है ; और यह कहा जाता है कि वह ऐसी प्रत्येक एक चीज़ को हटाता है जो इस प्रकार उत्पन्न की गई गति के परिणामस्वरूप उस जीव-जन्तु द्वारा हटाई जाती है ।
स्पष्टीकरण 5-इस धारा में वर्णित संपत्ति अभिव्यकत या विवक्षित हो सकती है, और वह या तो कब्जा रखने वाले व्यक्ति द्वारा, या किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जो उस प्रयोजन के लिए अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार रखता है, दी जा सकती है ।
दृष्टांत
(क) य की सम्मति के बिना य के कब्जे में से एक वृक्ष बेईमानी से लेने के आशय से य की भूमि पर लगे हुए उस वृक्ष को क काट डालता है । यहां, ज्योंहि क ने इस प्रकार लेने के लिए उस वृक्ष को पृथक् किया, उसने चोरी की ।
(ख) क अपनी जेब में कुत्तों के लिए ललचाने वाली वस्तु रखता है, और इस प्रकार य के कुत्तों को अपने पीछे चलने के लिए उत्प्रेरित करता है । यहां, यदि क का आशय य की सम्मति के बिना य के कब्जे में से उस कुत्ते को बेईमानी से लेना हो, तो ज्योही य के कुत्ते ने क के पीछे चलना आरंभ किया, क ने चोरी की ।
(ग) मूल्यवान वस्तु की पेटी ले जाते हुए एक बैल क को मिलता है । वह उस बैल को इसलिए एक खास दिशा में हांकता है कि
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