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भारतीय न्याय संहिता

(बीएनएस)

अपराधी को संश्रय देना ।

अध्याय 14: मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के विषय में

धारा: 249


249. जब कोई अपराध किया जा चुका हो, तब जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसके बारे में वह जानता हो या विश्वास करने का कारण रखता हो कि वह अपराधी है, वैध दंड से प्रतिच्छादित करने के आशय से संश्रय देगा या छिपाएगा--

(क) यदि वह अपराध मृत्यु से दंडनीय हो तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ;

(ख) यदि वह अपराध आजीवन कारावास से, या दस वर्ष तक के कारावास से, दंडनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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