भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 14: मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के विषय में
धारा: 229
229. (1) जो कोई जानबूझकर किसी न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में मिथ्या साक्ष्य देगा या किसी न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से मिध्या साक्ष्य गढ़ेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा, और दस हजार रुपए तक के जुर्माने के लिए भी दायी होगा ;
(2) जो कोई उपधारा (1) में निर्दिष्ट से भिन्न किसी अन्य मामले में जानबूझकर मिथ्या साक्ष्य देगा या गढ़ेगा, वह दोनों में से किसी भा
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