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भारतीय साक्ष्य अधिनियम

(बीएसए)

वृत्तिक संसूचनाएं ।

अध्याय 9: साक्षियों के विषय में

धारा: 132


132. (1) कोई भी अधिवक्ता अपने कक्षीकार की अभिव्यक्त सम्मति के सिवाय ऐसी किसी संसूचना को प्रकट करने के लिए, जो उसके ऐसे अधिवक्ता की हैसियत में सेवा के अनुक्रम में और उसके प्रयोजनार्थ उसके कक्षीकार द्वारा, या की ओर से उसे दी गई हो या किसी दस्तावेज की, जिससे वह अपनी वृत्तिक सेवा के अनुक्रम में और उसके प्रयोजनार्थ परिचित हो गया है, अर्न्तवस्तु या दशा कथित करने को या किसी सलाह को, जो ऐसी सेवा के अनुक्रम में और उसके प्रयोजनार्थ उसने अपने कक्षीकार को दी है, प्रकट करने के लिए किसी भी समय अनुज्ञात नहीं किया जाएगा :

परन्तु इस धारा की कोई भी बात निम्नलिखित बात को प्रकटीकरण से संरक्षण न देगी,

(क) किसी भी अवैध प्रयोजन को अग्रसर करने में दी गई कोई भी ऐसी संसूचना ;

(ख) ऐस

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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