भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 9: परिशांति कायम रखने के लिए और सदाचार के लिए प्रतिभूति
धारा: 135
(1) जब धारा 130 के अधीन आदेश किसी व्यक्ति को, जो न्यायालय में उपस्थित है, धारा 131 के अधीन पढ़कर सुनाया या समझा दिया गया है या, जब कोई व्यक्ति धारा 132 के अधीन जारी किए गए समन या वारंट के अनुपालन या निष्पादन में मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित है या लाया जाता है तब मजिस्ट्रेट उस सूचना की सच्चाई के बारे में जांच करने के लिए जिसके आधार पर वह कार्रवाई की गई है और ऐसा अतिरिक्त साक्ष्य लेने के लिए जो उसे आवश्यक प्रतीत हो अग्रसर होगा।
(2) ऐसी जांच यथासाध्य, उस रीति से की जाएगी जो समन-मामलों के विचारण और साक्ष्य के अभिलेखन के लिए इसमें इसके पश्चात् विहित है।
(3) उपधारा (1) के अधीन जांच प्रारंभ होने के पश्चात और उसकी समाप्ति से पूर्व यदि मजिस्ट्रेट समझता है कि परिशांति भंग का या लोक प्रशांति विक्षुब्ध होने का या किसी अपराध के किए जाने का निवारण करने के लिए, या उसकी सुरक्षा के लिए तुरंत उपाय करने आवश्यक हैं, तो वह ऐसे कारणों से, जिन्हें ल
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