भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 29: निर्णय
धारा: 392
(1) आरंभिक अधिकारिता के दंड न्यायालय में होने वाले प्रत्येक विचारण में निर्णय पीठासीन अधिकारी द्वारा खुले न्यायालय में या तो विचारण की समाप्ति के पश्चात् तुरन्त या बाद में ऐसे किसी पश्चातवर्ती समय पर जो पैंतालीस दिन के बाद का न हो, जिसकी सूचना पक्षकारों या उनके अधिवक्ताओं को दी जाएगी,-- (क) संपूर्ण निर्णय देकर सुनाया जाएगा; या (ख) संपूर्ण निर्णय पढ़कर सुनाया जाएगा; या (ग) अभियुक्त या उसके अधिवक्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में निर्णय का प्रवर्तनशील भाग पढ़कर और निर्णय का सार समझाकर सुनाया जाएगा। (2) जहां उपधारा (1) के खंड (क) के अधीन निर्णय दिया जाता है, वहां पीठासीन अधिकारी उसे आशुलिपि में लिखवाएगा और जैसे ही अनुलिपि तैयार हो जाती है वैसे ही खुले न्यायालय में उस पर और उसके प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर करेगा, और उस पर निर्णय दिए जाने की तारीख डालेगा। (3) जह
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