भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 28: न्याय-प्रशासन पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के बारे में उपबंध
धारा: 379
(1) जब किसी न्यायालय की, उससे इस निमित्त किए गए आवेदन पर या अन्यथा, यह राय है कि न्याय के हित में यह समीचीन है कि धारा 215 की उपधारा (1) के खंड (ख) में निर्दिष्ट किसी अपराध की, जो उसे, यथास्थिति, उस न्यायालय की कार्यवाही में या उसके संबंध में या उस न्यायालय की कार्यवाही में साक्ष्य में प्रस्तुत या दिए गए दस्तावेज के बारे में किया हुआ प्रतीत होता है, जांच की जानी चाहिए, तब ऐसा न्यायालय ऐसी प्रारंभिक जांच के पश्चात, यदि कोई हो, जैसी वह आवश्यक समझे,-- (क) उस प्रभाव का निष्कर्ष अभिलिखित कर सकेगा; (ख)
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