भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
(बीएनएसएस)
अध्याय 15: कार्यवाहियां शुरू करने के लिए अपेक्षित शर्ते
धारा: 218
(1) जब किसी व्यक्ति पर, जो न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट या ऐसा लोक सेवक है या था जिसे सरकार द्वारा या उसकी मंजूरी से ही उसके पद से हटाया जा सकता है, अन्यथा नहीं, किसी ऐसे अपराध का अभियोग है, जिसके बारे में यह अभिकथित है कि वह उसके द्वारा तब किया गया था, जब वह अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में कार्य कर रहा था या जब उसका ऐसे कार्य करना तात्पर्यित था, तब कोई भी न्यायालय, ऐसे अपराध का संज्ञान, जैसा लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 में अन्यथा उपबन्धित है, उसके सिवाय--
(क) ऐसे व्यक्ति की दशा में, जो संघ के कार्यकलाप के संबंध में, यथास्थिति, नियोजित है या अभिकथित अपराध के किए जाने के समय नियोजित था, केंद्रीय सरकार की;
(ख) ऐसे व्यक्ति की दशा में, जो किसी राज्य के कार्यकलाप के संबंध में, यथास्थिति, नियोजित है या अभिकथित अपराध के किए जाने के समय नियोजित था, उस राज्य सरकार की,
पूर्व मंजूरी से ही करेगा, अन्यथा नहीं:
परंतु जहां अभिकथित अपराध, खंड (ख) में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति द्वारा उस अवधि के दौरान किया गया था, जब राज्य में संविधान के
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