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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

(बीएनएसएस)

लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के लिए और साक्ष्य में दिए गए दस्तावेजों से संबंधित अपराधों के लिए लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के लिए अभियोजन।

अध्याय 15: कार्यवाहियां शुरू करने के लिए अपेक्षित शर्ते

धारा: 215


(1) कोई न्यायालय,-- क (i) भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 206 से धारा 223 (जिनके अंतर्गत धारा 209 के सिवाय ये दोनों धाराएं भी हैं) के अधीन दंडनीय किसी अपराध का; या

(ii) ऐसे अपराध के किसी दुष्प्रेरण या ऐसा अपराध करने के प्रयत्न का; या

(iii) ऐसा अपराध करने के लिए किसी आपराधिक षड़यंत्र का,

संज्ञान संबदूध लोक सेवक के, या किसी अन्य ऐसे लोक सेवक के, जिसके वह प्रशासनिक तौर पर अधीनस्थ है या कोई अन्य लोक सेवक जो संबद्ध लोक सेवक द्वारा ऐसा करने के लिए प्राधिकृत है, लिखित परिवाद पर ही करेगा, अन्यथा नहीं;

ख (i) भारतीय न्याय संहिता, 2023 की निम्नलिखित धाराओं अर्थात्‌ धारा 229 से धारा 233 (जिनके अंतर्गत ये दोनों धाराएं भी हैं), धारा 236, धारा 237, धारा 242 से धारा 248 (जिनके अंतर्गत ये दोनों धाराएं भी हैं) और धारा 267 से किन्हीं के अधीन दंडनीय किसी अपराध का, जब ऐसे अपराध के बारे में यह अभिकथित है कि वह किसी न्यायालय की कार्यवाही में या उसके संबंध में किया गया है; या

(ii) उक्त संहिता की धारा 336 की उपधारा (1) में वर्ण

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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