भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 6: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषयों में
धारा: 137
137. (1) व्यपहरण दो किस्म का होता है ; भारत में से व्यपहरण और विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण--
(क) जो कोई किसी व्यक्ति का उस व्यक्ति की, या उस व्यक्ति की ओर से सम्मति देने के लिए वैध रूप से प्राधिकृत किसी व्यक्ति की सम्मति के बिना, भारत की सीमाओं से परे प्रवहण कर देता है, वह भारत में से उस व्यक्ति का व्यपहरण करता है, यह कहा जाता है ।
(ख) जो कोई किसी बालक को या किसी विकृत चित व्यक्
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