भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 6: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषयों में
धारा: 113
113. (1) जो कोई, भारत की एकता, अखंडता, संप्रभूता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा या प्रभुता को संकट में डालने या संकट में डालने की संभावना के आशय से या भारत में या किसी विदेश में जनता अथवा जनता के किसी वर्ग में आतंक फैलाने या आतंक फैलाने की संभावना के आशय से--
(क) बमों, डाइनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थों या ज्वलनशील पदार्थों या अग्न्यायुधों या अन्य प्राणहर आयुधों या विषों या अपायकर गैसों या अन्य रसायनों या 'परिसंकटमय प्रकृति के किन्हीं अन्य पदार्थों का (चाहे वे जैविक रेडियोधर्मी, न्यूक्लियर हो या अन्यथा) या किसी भी प्रकृति के किन्हीं अन्य साधनों का उपयोग करके ऐसा कोई कार्य करता है, जिससे,--
(i) किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु होती है या उन्हें क्षति होती है या होने की संभावना है ; या.
(ii) संपत्ति की हानि या उसका नुकसान या विनाश होता हैं या होने की संभावना है ;
(iii) भारत में या किसी विदेश में समुदाय के जीवन के लिए अनिवार्य किन्हीं प्रदायों या सेवाओं में विध्न कारित होता है या होने की संभावना है ; या
(iv) सिक्के या किसी अन्य सामग्री की कूटकृत भारतीय कागज करेंसी के निर्माण या उसकी तस्करी या परिचाल्नन से भारत की आर्थिक स्थिरता को नुकसान कारित होता है या होने की संभावना है ; या
(v) भारत की प्रतिरक्षा या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या उनके किन्हीं अभिकरणों के किन्हीं अन्य प्रयोजनों के संबंध में उपयोग की जाने वाली या उपयोग किए जाने के लिए आशयित भारत में या विदेश में किसी सम्पत्ति का नुकसान या विनाश होता है या होने की संभावना है ; या
(ख) लोक कृत्यकारियों को आपराधिक बल के द्वारा या आपराधिक बल का
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