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भारतीय न्याय संहिता

(बीएनएस)

हत्या ।

अध्याय 6: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषयों में

धारा: 101


101. इसमें इसके पश्चात्‌ अपवादित दशाओं को छोड़कर, आपराधिक मानव वध हत्या है--

(क) यदि वह कार्य, जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई हो, मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया हो ; या

(ख) यदि वह कार्य, जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई है, वह ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से किया गया हो, जिससे अपराधी जानता हो कि उस व्यक्ति को मृत्यु कारित करना सम्भाव्य है, जिसको वह अपहानि कारित की गई है ; या

(ग) यदि वह कार्य, जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई है, वह किसी व्यक्ति को शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से किया गया हो और वह शारीरिक क्षति, जिसके कारित करने का आशय हो, प्रकृति के साधारण नैसर्गिक अनुक़म में मृत्यु कारित करने के लिए पर्याप्त हो ; या

(घ) यदि कार्य जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई है, करने वाल्रा व्यक्ति यह जानता हो कि वह कार्य इतना आसन संकट है कि पूरी अधिसंभाव्यता है कि वह मृत्यु कारित कर ही देगा या ऐसी शारीरिक क्षति कारित कर ही देगा जिससे मृत्यु कारित होना संभाव्य है और वह मृत्यु कारित करने या पूर्वोक्त रूप की क्षति कारित करने की जोखिम उठाने के लिए किसी प्रतिहेतु के बिना ऐसा कार्य करे ।

दृष्टांत

(क) य को मार डालने के आशय से क उस पर गोली चलाता है, परिणामस्वरूप य की मृत्यु हो जाती है । क हत्या करता है ।

(ख) क यह जानते हुए कि य ऐसे रोग से ग्रस्त है कि सम्भाव्य है कि एक प्रहार उसकी मृत्यु कारित कर दे, शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से उस पर आघात करता है । उस प्रहार के परिणामस्वरूप य की मृत्यु हो जाती है । क हत्या का दोषी है, यद्यपि वह प्रहार किसी अच्छे स्वस्थ व्यक्ति की मृत्यु करने के लिए साधारण नैसर्गिक अनुक्रम में पर्याप्त न होता । किन्तु यदि क, यह न जानते हुए कि य किसी रोग से ग्रस्त है, उस पर ऐसा प्रहार करता है, जिससे कोई अच्छा स्वस्थ व्यक्ति साधारण नैसर्गिक अनुक्रम में न मरता, तो यहां, क, यद्यपि शारीरिक क्षति कारित करने का उसका आशय हो, हत्या का दोषी नहीं है, यदि उसका आशय मृत्यु कारित करने का या ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने का नहीं था, जिससे साधारण नैसर्गिक अनुक्रम में मृत्यु कारित हो जाए ।

(ग) य को तलवार या लाठी से ऐसा घाव क जानबूझकर करता है, जो साधारण नैसर्गिक अनुक्रम में किसी मनुष्य की मृत्यु कारित करने के लिए पर्याप्त है । परिणामस्वरूप य की मृत्यु कारित हो जाती है, यहां क हत्या

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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