भारतीय न्याय संहिता
(बीएनएस)
अध्याय 11: लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराधों के विषय में
धारा: 196
196. (1) जो कोई, -- (क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विशिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियाँ या समुदायों के बीच असौहार्द या शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की आवनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा ; या
(ख) कोई ऐसा कार्य करेगा, जो विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच सौंहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है और जो लोक-प्रशा
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