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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

(बीएनएसएस)

भूमि या जल के उपयोग के अधिकार से संबंधित विवाद।

अध्याय 11: लोक व्यवस्था और प्रशांति बनाए रखना

धारा: 166


(1) जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट का, पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट से या अन्य सूचना पर, समाधान हो जाता है कि उसकी स्थानीय अधिकारिता के भीतर किसी भूमि या जल के उपयोग के किसी अभिकथित अधिकार के बारे में, चाहे ऐसे अधिकार का दावा सुखाचार के रूप में किया गया हो या अन्यथा, विवाद वर्तमान है जिससे परिशांति भंग होनी संभाव्य है, तब वह अपना ऐसा समाधान होने के आधारों का कथन करते हुए और विवाद से संबद्ध पक्षकारों से यह अपेक्षा करते हुए लिखित आदेश दे सकता है कि वे विनिर्दिष्ट तारीख और समय पर स्वयं या अधिवक्ता द्वारा उसके न्यायालय में उपस्थित हों और अपने-अपने दावों का लिखित कथन प्रस्तुत करें।

स्पष्टीकरण--इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, “भूमि या जल” पद का वही अर्थ होगा, जो धारा 164 की उपधारा (2) में दिया गया है।

(2) मजिस्ट्रेट तब इस प्र

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