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भारतीय न्याय संहिता

(बीएनएस)

जीवन के लिए संकटकारी अपराधों के विषय में - 100. आपराधिक मानव वध ।

अध्याय 6: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषयों में

धारा: 100


100. जो कोई मृत्यु कारित करने के आशय से, या ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से, जिससे मृत्यु कारित हो जाना सम्भाव्य हो, या यह ज्ञान रखते हुए कि यह सम्भाव्य है कि वह उस कार्य से मृत्यु कारित कर दे, कोई कार्य करके, मृत्यु कारित कर दैता है, वह आपराधिक मानव वध का अपराध करता है ।

दृष्टांत

(क) क एक गड्ढे पर लकड़ियाँ और घास इस आशय से बिछाता है कि तदद॒वारा मृत्यु कारित करे या यह जान रखते हुए बिछाता है कि सम्भाव्य है कि तदद्वारा मृत्यु कारित हो । य यह विश्वास करते हुए कि वह भूमि सुदृढ़ है, उस पर चलता है, उसमें गिर पड़ता है और मारा जाता है । क ने आपराधिक मानव वध का अपराध किया है ।

(ख) क यह जानता है कि य एक झाड़ी के

The language translation of this legal text is generated by AI and for reference only; please consult the original English version for accuracy.

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